अकेला था जीवन में रिलायंस की कसम लगती थी गुरु की चाय में चीनी कम मेरी हीरो जेट हो गयी थी खटारा पैराशूट तेल सर पे लगाता ढेर सारा
पहन के पैरागौन के चप्पल, सारंग की टीशर्ट रोज़ सुबह रिबौक पहन भागता था सरपट एक दिन ड्यूरासेल की तरह चलता ही गया सी.आर.सी. पहुँचने का बनाया रिकार्ड नया
फिर भी पहुँचा एयर-डेक्कन की तरह लेट प्रौफ की पैंट पे लगा था एशियन पेंट लिप-गार्ड की मुस्कान के साथ बैठा बेंच पर बगल में बैठी फेयर ऐन्ड लवली देख घूम गया सर
फ्रांस की सुंदरी के बगल में मिस्टर इंडिया दोनों की खूबसूरती का राज़ लक्स और क्या क्या सेट्-मैक्स लग रही थी जो दीवाना बना दे नज़र न लगे कोई उसे गोदरेज के लौकर में छिपा दे
विक्स की गोली खा मैंने कहा हाय मेरी लाईफ में तुम रेडियो-मिर्ची की तरह आये मैं हूँ तेरा सर्फ तू मेरी सुपर निरमा मैं रिडर्स डाईजेस्ट तू मेरी मनोरमा
हमारा प्यार फेविकौल का जोड़ टूटेगा नहीं चल डी.एल.एफ. का घर बनाएँ दूर कहीं सौदा कच्चा नहीं यह है बबूल-बबूल पैसे वसूल तुम भी कहोगी क्या बात है साड़ी हो तो प्रफुल
सच्चा प्यार है ओंकार रामायण अगरबत्ती हाजमोला कैन्डी की तरह कुछ खट्टी कुछ मीठी यह प्रियागोल्ड बिस्किट इसे हक से मांगो हच के कुत्ते की तरह मैं तेरे पीछे चाहे कहीं तुम भागो
रूखेपन से कहा उसने कहाँ तू बाटा कहाँ मैं टाटा दिखावे पे न जाओ अपनी अकल लगाओ मैंने डाँटा बोली तू तो बड़ा टाईन है मेरे अमूल माचो सोनी एरिक्सन बजा ऋतिक के माफिक नाचो
मंजूर है तेरा प्यार जो स्प्राईट की तरह है क्लियर तभी कोई चिल्लाया अटेंडेंस है क्लिनिक ऑल क्लियर गुड नाईट के सपने से जाग और साईन कर कायमचूर्ण के राक्षस टी.ए. ने कहा हँसकर
सपने हुए चूर जाने मेरा दुख किस झन्डु बाम से जायेगा पेप्सी पीते हुये यही सोचता हूँ कि मेरा नंबर कब आयेगा
थोड़ा-बहुत लिखता रहता हूँ...कॉलेज की पत्रिका में, जिसके संपादन का बोझ उठाने की कोशिश पिछले एक वर्ष से कर रहा हूँ। इंटरनेट पर हिन्दी की लोकप्रियता से अवगत नहीं हूँ...
hilarious... i remember trying my hand at this kind of stuff in my tenth class... but you're much better than the failure I ended up being... hope to see more of thid coming from you
An ignorant miscreant has been reported to have fled from a madhouse. General public is hereby requested to chew over the works of Mr Virgineer and report palpable symptoms of insanity. Help police help yourself!
4 comments:
कविता तो बहुत अच्छी है। आगे हिन्दी में और क्यों नहीं लिखते।
थोड़ा-बहुत लिखता रहता हूँ...कॉलेज की पत्रिका में, जिसके संपादन का बोझ उठाने की कोशिश पिछले एक वर्ष से कर रहा हूँ। इंटरनेट पर हिन्दी की लोकप्रियता से अवगत नहीं हूँ...
You made my day today!
BRILLIANT. Period.
hilarious... i remember trying my hand at this kind of stuff in my tenth class... but you're much better than the failure I ended up being... hope to see more of thid coming from you
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