Showing posts with label ZNMD. Show all posts
Showing posts with label ZNMD. Show all posts

Saturday, December 03, 2011

सागर


खुली दिशाओं में सिमटा 
हुआ असीम पानी
नीले आसमान से नीला
ये छलकता पानी

मैं भी इसी सागर की 
एक लहर ही तो हूँ 
पानी से बना
पानी में सना 
एक हथेली भर ही तो हूँ 

काश मैं सागर होता
लहर भी होता 
सागर भी होता
यहाँ भी होता
वहाँ भी होता
मेरा कोई किनारा न होता

आज इस सागर के अहसास में
फैल रहा मेरे मन का सागर
पूछ रहा मैं खुद से 

कहीं मैं सागर तो नहीं
कहीं लहर में सीमित 
मैं असीमित तो नहीं